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हमारे प्रेरणा स्त्रोतजिनकी प्रेरणा एवं मार्ग निर्देशन से यह स्वप्न साकार हुआ है । " विद्वानम् सर्वत्र पूज्यते " 'की परिकल्पना से प्रेरित होकर हमने आज की इस भौतिक युग की प्रतिस्पर्धा में ग्रामीण। अंचल के छात्रों की भागीदारी और उन्हें स्वावलम्बी बनाने की दिशा में हैं। महाविद्यालय खोलकर उच्च शिक्षा देने का प्रयास किया है। | आइये! शिक्षा के प्रांगण में एक ऐसा वट वृक्ष लगायें जो ज्ञान की दलालता का प्रतीक है तो ही, साथ ही साथ इसकी छाया में हम प्राप्त करें - ज्ञान, यश, समृद्धि और है सुखमय जीवन जीने का मूल मंत्र। |